Sunday, May 25, 2008

लो अब बहनो का संघर्ष शुरू हो गया

तीखी बात की पहली पोस्ट हाज़िर है। आज सुबह एक ब्लॉग औरतनामा की ये पोस्ट पढी , हालांकि ये कोई नई तरह की बात नही कही इन्होने। ऐसा कुछ तो पहले भी पढ़ा जा चुका है । पता नही कब तक ये लोग यही सब लिखते रहेंगे॥ पहले आप को पढ़ाते है कुछ अंश जो औरतनामा पर लिखे गए थे॥

उसे उसके पति ने पीटा,
उसे उसके भाई ने मार डाला,
उसे उसके पिता ने जला दिया,
उसे उसके बेटे ने घर से निकाल दिया।
और क्या-क्या हुआ
उसके साथ?
और क्या-क्या हो रहा है
उसके साथ?
और क्या-क्या होने वाला है
उसके साथ?

अब लीजिये इस पर तीखी बात

उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार पे कुल्हाड़ी चलाई॥
उसने अपने पुराने प्रेमी के साथ मिलकर पति का गला कटा
उसने अपने दो मासूम बच्चो को छोड़ कर दूसरी शादी रचाई
वो जयपुर बम कांड में शामिल थी..
पत्नी द्वारा पति को ज़हर खिलाया गया..

वाह रे औरतो वाह.. कुछ दिनो पहले चोखेर बाली पर प्रकाशित लेख 'औरत ऐसी भी होती है क्या' के जवाब में सारी औरते उठ खड़ी हुई थी.. जवाब में कितनी ही पोस्ट(अपराधों का लैंगिक वर्गीकरण) लिख दी गयी.. अब यहा बहनो को संघर्ष करना कह रही हो.. सिर्फ़ स्त्री को जलाना या पीटना ही अपराध नही होता, किसी भी इंसान को जलाना या पीटना अपराध है.. और अपराधी का कोई लिंग नही होता.. आप लोगो से ही सुना था.. (न महिला ,न पुरुष....केवल इंसान ) और अब जब महिला ने अपराध किया तो महिला मुक्ति और पुरुष ने किया तो भी महिला मुक्ति.. वाह भाई वाह!